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त्वचा रोग

राजीव शर्मा

प्रकाशक : डायमंड पॉकेट बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2005
पृष्ठ :190
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 3635
आईएसबीएन :81-7182-200-2

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त्वचा संबंधी रोग तथा उनका निवारण....

TvACHA Rog Karan aur Nivaran

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

लेखक परिचय

डॉ. राजीव शर्मा देश के प्रतिष्ठित होमियोपैथी, योग, प्राकृतिक व वैकल्पिक चिकित्सा परामर्शदाता हैं।
 
आपकी अभी तक 51 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं और निरंतर लेखन कार्य में संलग्न हैं। देश के कई ख्यातिलब्ध समाचार पत्र-पत्रिकाओं में भी आपके लेख प्रकाशित होते रहे हैं। आप अब तक 600 से अधिक लेख लिख चुके हैं। चिकित्सा जैसे क्लिष्ठ विषय पर जनोपयोगी लेखन में आपका विशिष्ट योगदान है।

आप कई समाचार पत्र-पत्रिकाओं में सम्पादकीय सलाहकार हैं और विश्व विख्यात ‘एशियन होमियोपैथिक जर्नल’ के सम्पादक मंडल के सदस्य हैं।
अनेकों होमियोपैथिक व आयुर्वेदिक कम्पनियों में स्वास्थ्य सलाहकार डॉ. राजीव शर्मा की आकाशवाणी से अनेक वार्ताएं प्रसारित हो चुकी हैं।

आप राष्ट्रीय स्तर पर ‘नशा मुक्ति व एड्स जागृति’ अभियान से जुड़े हैं। अनेक राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से जुड़े डॉ. राजीव शर्मा को कई पुरस्कार प्राप्त  हो चुके हैं।
चिकित्सीय लेखन में आपके योगदान के फलस्वरूप लाखों पाठक लाभान्वित हुए हैं व नित्य लाभ उठा रहे हैं।

आपकी त्वचा और आप


आपकी त्वचा जीवित है। वह साँस लेती है, महसूस करती है और प्यार भरी देखभाल से खिल उठती है। ये बाहरी नुकसानदेह वातावरण से शरीर को बचाने वाला पहला सुरक्षक है। और इसीलिए इसमें हैं तीन मुख्य पर्तें।
एपीडरमिस या पहली परत में हैं पाँच उप-परतें। इसकी सबसे निचली परत में बनते हैं त्वचा के नये सैल्स।
डरमिस या मध्य परत में जुड़े हुए फाइबर्ज का जाल है जिसमें हैं प्रोटीन्स, कोलाजिन और एलास्टिन, जो त्वचा को रखते हैं जवाँ और कसा।
सबसे अंतिम और सबसे निचली परत सबडरमिस शक्ति का केन्द्र है जो आपकी त्वचा को बाहरी गड़बड़ और ताप परिवर्तन से बचाये।

आपकी त्वचा की किस्म क्या है ?


त्वचा की देखभाल में पहला कदम है अपनी त्वचा की किस्म पहचानना। एक टिशू पेपर चेहरे पर रखिये (धोने के कम से कम आधे घंटे बाद)। धीरे से माथा, गाल, ठोड़ी और नाक के दोनों ओर दबाइये। 10 सेकण्ड बाद हटा कर देखिये।
क्या पूरे टिशू पर चिकनाई है ? आपकी त्वचा चिकनी है।
क्या टिशू सिर्फ माथे और नाक (टी-जोन की जगह चिकना और गालों की जगह खुश्क है? आपकी मिश्रित त्वचा है।
क्या टिशू ने तो खुश्क न चिकना है ? आपकी त्वचा सामान्य है।
क्या टिशू पर थोड़े या बिलकुल तेल के निशान नहीं हैं ? आपकी त्वचा खुश्क है।

असली सौंदर्य है आपकी कांतिमय त्वचा


आज की नारी में अपने व्यक्तित्व को निखारने के प्रति जागरूकता कुछ अधिक दिखाई देती है। बहुत-सी स्त्रियाँ केवल मेकअप को ही सौंदर्य का मापदंड समझती हैं। कुछ स्त्रियाँ केवल गोरे रंग को ही सौंदर्य का प्रतीक मानती हैं, परंतु असली सौंदर्य रंग तो प्राकृतिक देन है। उसे बहुत हद तक बदला नहीं जा सकता, इसलिए अपने रंग को लेकर हीन भावना नहीं पालें, बल्कि चेहरे को साफ-सुथरा तथा कांतिमय बनाए रखने की कोशिश करें।

सौंदर्य अधिक समय तक बना रह सकता है, जबकि उसकी उचित देखभाल हो। इसके लिए सबसे पहले पेट ठीक होना आवश्यक है साथ ही मानसिक तनाव न हो। अतः अपने भोजन में फल, दूध, दही, हरी सब्जियाँ रेशेदार सब्जियाँ, जूस तथा कम से कम 8-10 गिलास पानी का नियमित रूप से सेवन करें, क्योंकि इतना पानी पेट की धुलाई, सफाई करता है, जो चेहरे पर स्वाभाविक चमक लाता है।

मानसिक तनाव रखने वाले को सौंदर्य के प्रति आशा छोड़ देनी चाहिए, क्योंकि मानसिक तनाव का शरीर के प्रत्येक अंग पर बुरा प्रभाव पड़ता है, इसलिए खूब खुश रहना चाहिए क्योंकि हँसना और खुश रहना हमारे शरीर तथा सुंदरता के लिए एक टॉनिक का काम करता है।
चेहरे की सुंदरता को बनाए रखने के लिए निम्न चीजों का निरंतर प्रयोग करने से आपकी त्वचा स्वाभाविक रूप से सुंदर हो जाएगी-

•    चेहरे को दिन में दो बार धोए या क्लीजिंग मिल्क से साफ करें।
•    पंद्रह दिन में एक बार फेशियल अवश्य कराएं, इससे चेहरे की त्वचा पुष्ट होती है, झुर्री देर से पड़ती है।
•    फेसपैक का प्रयोग अवश्य करें। लेकिन फेसपैक अपनी त्वचा के अनुरूप ही इस्तेमाल करें। जैसे रूखी त्वचा वालों के लिए अंडे, शहद और दही का पैक सर्वोत्तम है। इन सब चीजों को बराबर मात्रा में लेकर फेटकर फेसपर लगाएं, सूखने पर धो दें। लगातार एक महीने इस्तेमाल के बाद आप खुद ही फर्क महसूस करेंगी।
•    अगर आपकी त्वचा चिकनी है, तो कम से कम तीन बार किसी अच्छे साबुन से अवश्य धोएं। रात में क्लीनिंग मिल्क से साफ करके सप्ताह में एक बार यह पैक अवश्य लगाएं, मुल्तानी मिट्टी में एक चम्मच गुलाबजल तथा तो तीन बूंदे नींबू के रस की डालकर यह पैक दस-पंद्रह मिनट लगाकर सूखने पर धोएं।
•    नींबू का रस, गुलाब जल और ग्लिसरीन बराबर मात्रा में लेकर चेहरे और हाथों पर लगाने से त्वचा साफ, मुलायम और चिकनी बनी रहती है।

•    बरसात का पानी इकट्ठा करके, इन्हें बोतलों में बंद करके रख लें, प्रतिदिन दो बार इस जल से मुँह धोएं, इससे आपकी त्वचा नरम, चिकनी और सुंदर बनेगी।
•    कच्चे हरे नारियल का पानी भी चेहरे की सुंदरता को बढ़ाने में बहुत कारगर साबित हुआ है। यह पानी कम से कम पंद्रह दिन लगाएं। बाद में सादे पानी से मुँह धो लें।

आप नियमित रूप से चेहरे की सफाई, मसाज तथा पैक का इस्तेमाल कीजिए, साथ-साथ अपने आहार में फल सब्जियां दूध दही और आठ दस गिलास पानी का नियमित प्रयोग धैर्यपूर्वक कीजिए, तो आपकी त्वचा कांतिमय, स्वच्छ और चमकदार बनती चली जाएगी। आप खुद को पुलकित, गौरवान्वित तथा आत्मविश्वास से भरा महसूस करेंगी।

त्वचा को नुकसान भी पहुँचा सकती है भाप


ऐसा बहुत सी किशोरियों व नवयुवतियों के साथ होता है, जो बिना कुछ जाने-समझे सुनी-सुनाई बातों के आधार पर अपनी त्वचा के साथ खिलवाड़ कर बैठती हैं।

वैसे तो कोई भी सौंदर्योपचार बिना उचित प्रशिक्षण पाए करना खतरनाक साबित होता है लेकिन चेहरे पर भाप लेना कुछ ज्यादा ही हानिकारक सिद्ध हो सकता है। भाप लेने के विषय में भी तमाम भ्रांतियाँ हैं। कुछ सौंदर्य विशेषज्ञों का मानना है कि भाप लेना उचित है, इससे त्वचा के बंद रोमछिद्र खुल जाते हैं और रोमकूपों में छिपी सारी गंदगी बाहर आ जाने से त्वचा स्वच्छ बनी रहती है, जबकि कुछ त्वचा विशेषज्ञ, खासतौर से हर्बल ट्रीटमेंट पर विश्वास करने वालों का मानना है कि भाप लेना हानिकारक सिद्ध होता है।

ऐसा ही एक सौंदर्य व त्वचा विशेषज्ञा नौशाद बानो का कहना है, ‘‘जहाँ तक संभव हो, भाप लेनी ही नहीं चाहिए त्वचा की सफाई तो फेशल के शुरुआती दौर में क्लींनिंग से ही हो जाती है। इसके अलावा हम ऐसे पैक का भी प्रयोग करते हैं, जो स्वयं ही त्वचा की सारी गंदगी को बाहर खींच लाते हैं। भाप से रोमछिद्र अधिक फैल जाते हैं, जिससे त्वचा भद्दी और अधिक मुंहासों वाली हो सकती है।’’

भाप लेनी चाहिए या नहीं, इस पर विशेषज्ञों के अलग-अलग विचार हैं लेकिन इस बात से सभी सहमत हैं कि बिना उचित जानकारी व विशेषज्ञों की सलाह के भाप नहीं लेनी चाहिए।

कम से कम किशोरियों को तो भाप लेनी ही नहीं चाहिए, मानना है नौशाद बानो का।
25 वर्ष की उम्र से पहले भाप न लें तो बेहतर होगा, भाप लेने के बीच समय का अंतर भी कम से कम 2 महीने का होना चाहिए। वैसे सामान्य और तैलीय त्वचा वाले उचित ढंग से भाप ले सकते हैं परंतु यदि आप की त्वचा संवेदनशील हो तो भाप कतई न लें, फेशल के बाद इस की जगह आप कोल्ड कंप्रेशन ट्रीटमेंट ले सकती हैं।

यदि आप भाप ले ही रही हों तो कभी भी चेहरे पर सीधे भाप न लें। किसी अच्छी क्रीम से मसाज करने के बाद ही भाप लें, चेहरे पर भाप कई तरह से ली जाती है। इसके लिए चाहें तो बाजार में उपलब्ध भाप लेने वाला यंत्र भी ले सकती हैं। विद्युत चालित यह यंत्र कुछ ही मिनटों में भाप लेने के लिए तैयार हो जाता है।

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